शुक्रवार, 10 जून 2011

अब खात्मा होगा एड्स का

अमरीका में वैज्ञानिक एचआईवी का नया इलाज विकसित कर रहे हैं, जिससे एड्स वायरस को पूरी तरह शरीर से समाप्त किया जा सकेगा. अभी एचआईवी का इलाज एंटी रेट्रोवायरल दवाएँ हैं. लेकिन ये दवा काफ़ी महंगी है और मरीज़ को ये दवाएँ आजीवन लेनी होती है. अब शोधकर्ता एचआईवी के स्थायी समाधान का रास्ता तलाश रहे हैं. पिछले 30 वर्षों में एचआईवी के इलाज की दिशा में काफ़ी प्रगति हुई है. एंटी रेट्रोवायरल दवाओं से मरीज़ में ये वायरस उस स्तर तक दबाए जा सकते हैं, जहाँ से इनका पता तक नहीं लगाया जा सकता है. लेकिन समस्या ये है कि दवाएँ बंद करने की सूरत में ये वायरस फिर आ सकते हैं. अब शोधकर्ता इस वायरस को शरीर से पूरी तरह निकालने पर काम कर रहे हैं. कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर जेरोम ज़ैक का कहना है कि अब इस पर काम किया जा रहा है कि इन वायरसों को उकसा कर इनके छिपने वाले स्थान से निकाला जाए और फिर इन्हें ख़त्म किया जाए. उन्होंने कहा कि अभी इस पर प्रयोग चल रहा है और दुनिया के कई प्रयोगशालाओं में इस पर काम चल रहा है. हालाँकि जानकारों का मानना है कि इस शोध में किसी निष्कर्ष तक पहुँचने में वर्षों लग सकते हैं. लेकिन अगर ऐसा हो जाय तो एड्स की विभीषिका काफी कम हो जायेगी. 
(ज्ञानपुंज टीम) 

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