शनिवार, 11 जून 2011

उल्टा चलने वाला ग्रह

खगोल विदों के लिए एक नयी चुनौती खड़ी हुयी है, आस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के खगोलविद डेनियल बेलिस की टीम ने चिली में दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीनों में से एक की मदद से डब्ल्यूएएसपी-17बी नाम के एक सुदूरवर्ती ग्रह का पता लगाया है, जो अपने तारे की विपरीत दिशा में चक्कर लगा रहा है। अभी तक ऐसा देखा गया है की किसी भी ग्रह का घूर्णन  पथ उसके तारे के अपने अक्ष में घूमने की दिशा में ही होता है, ग्रहों के बारे में ये मान्यता ही आम रही है लेकिन डब्ल्यू ए एस पी-१७ बी ने इस अवधारणा को गलत साबित कर दिया  है. सभी ग्रहों का निर्माण उसी घूर्णन सामग्री से होता है, जिससे तारे का निर्माण होता है, जिसका वह चक्कर लगा रहे होते हैं. डेनियल बेलिस के अनुसार अरबों वर्ष पहले किसी अन्य खगोलीय पिंड से टकराने के बाद इस ग्रह ने अपना पथ बदल दिया हो. अभी ना जाने और कितने रहस्य दफ़न हैं इस ब्रहमांड में. 
(ज्ञानपुंज टीम)