गुरुवार, 4 अगस्त 2011

कृत्रिम श्वांस नली तैयार

लंदन में वैज्ञानिकों ने कृत्रिम सांस की नली बना ली है जिस पर मरीज़ के स्टेम सेल का लेप चढ़ाया. 36 साल के कैंसर मरीज़ ऐंडेमरियम टेकलेसेन्बेट जो की अफ्रिका के रहने वाले हैं का सफल आपरेशन किया गया. डाक्टरों के अनुसार ऑपरेशन के बाद तेज़ी से सुधार हो रहा है. इस तरह के ऑपरेशन की सबसे बड़ी बात ये है कि इसमें किसी दाता या 'डोनर' की ज़रूरत नहीं है और इस बात का भी ख़तरा नहीं रहता है कि शरीर उस नए अंग को स्वीकार नहीं करेगा. सर्जनों का दावा है कि सांस की नली को कुछ दिनों में ही बनाया जा सकता है. इटली के प्रोफ़ेसर पाओलो मैकियारिनी  हैं और उन्होंने इस पूरी सर्जरी का नेतृत्व किया था. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है वे इस तकनीक का इस्तेमाल कोरिया में नौ साल के एक मरीज़ की ख़राब सांस की नली का इलाज कर पाएंगे. प्रोफ़ेसर मैकियारिनी के अनुसार अब तक उन्होंने सांस की नली के दस ट्रांसप्लांट ऑपरेशन किए हैं लेकिन इन सभी मामलों में एक दाता या डोनर की ज़रूरत रही है. इस तकनीक की सबसे बड़ी और  महत्वपूर्ण खाशियत है मरीज़ की सांस की नली का समान ढांचा तैयार करना. इस स्कैन को देखकर यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों ने हू-ब-हू ढांचा तैयार किया. फिर शीशे से बने इस ढांचे पर मरीज़ के बोन मैरो से स्टेम सेल निकाल कर तैयार किया गया लेप लगाया गया. 
ज्ञानपुंज टीम 

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